गोरक्षनाथ परिसर की अनोखी तस्वीर, 'राम के घर में रहमान का डेरा' बना मिसाल
स वक्त देश में सियासतदां हिन्दू-मुसलमान (Hindu-Muslims) का माहौल बनाए हुए हैं और दोनों तरफ के कट्टर लोग आपत्तिजनक भाषा बोल रहे हैं. इसी माहौल में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) को कट्टर हिन्दू बनाकर पेश किया जा रहा है, लेकिन उनका चेहरा ठीक इसके उलट है. योगी आदित्यनाथ जिस पीठ के पीठाधीश्वर हैं, वहां पर हिन्दू-मुसलमान का कोई भेदभाव नहीं है. यही नहीं, गोरक्षपीठ में दोनों समुदाय के लोग ना सिर्फ मिलकर रहते हैं बल्कि एक साथ अपना व्यापार भी करते हैं.
मेला बना मिसाल
गोरक्षपीठ में मकर संक्रांति पर एक मेला लगता है, जो कि महाशिवरात्री तक चलता है. इस मेले में दुकान लगाने के लिए दूर दूर से दुकानदार आते हैं. जबकि मेले में दुकान किस स्थान पर लगेगी इसको मंदिर प्रबंधन तय करता है. गोरक्षपीठ के सचिव द्वारिका तिवारी का कहना है कि मेले में पचास फीसदी के करीब मुस्लिम दुकानदार आए हुए हैं और ये लोग वर्षों से दुकान लगाते रहे हैं. इन लोगों के नाम से रसीद भी कटती है और यहीं पर ये लोग रहते हैं. इतना ही नहीं मंदिर के अगल बगल बड़ी आबादी मुसलमानों की रहती है, जो समस समय पर मंदिर आती रहती है. वहीं मंदिर के कई कर्मचारी भी मुस्लिम हैं.
लोगों ने कही ये बात
कानपुर से आए जहीर का कहना है कि वो पिछले तीस सालों से गोरक्षनाथ मंदिर में दुकान लगाते है. मेले के दौरान लगभग ढाई महीने वो मंदिर में ही रहते हैं और कभी कोई दिक्कत नहीं होती है. बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग भी मेला घूमने आते हैं और मेले में खरीददारी करते हैं. जबकि रसुलपुर के मुस्तकीम का कहना है कि पिछले 36 सालों से यहां पर चूड़ी की दुकान लगाते हैं, उन्हें कभी कोई दिक्कत नहीं हुई. पहले जब योगी सीएम नहीं थे तब उनसे मुलाकात भी होती थी, लेकिन अब ऐसा होना मुश्किल हो गया है. फिर भी घर पर कोई बात होने पर मंदिर में उनसे मुलाकात हो जाती है और समस्या दूर हो जाती है.
बहरहाल, गोरक्षनाथ मंदिर एक ऐसी जगह है जहां पर राम के घर में रहमान का डेरा रहता है और वो यहां से कमाकर अपना परिवार चलाता है. सियासी भाषा कुछ भी हो, लोग कुछ भी समझें, लेकिन यहां पर हिन्दू-मुस्लिम मिलकर ही रहते हैं.