मर चुके पांच हिस्ट्रीशीटर की रिकार्ड में चल रही थी निगरानी
असल जिंदगी में मर चुके पांच हिस्ट्रीशीटर पुलिस रिकार्ड में जिंदा माने जा रहे थे और पुलिस उनकी बाकायदा निगरानी भी कर रही थी। एसएसपी डॉ. सुनील कुमार गुप्ता द्वारा कराए गए सत्यापन के बाद यह बात सामने आई। अब उनका नाम रिकार्ड से निकाला जाएगा।
एसएसपी ने एक-एक हिस्ट्रीशीटर की गतिविधियों की जांच शुरू कराई है। इस जांच में अभी तक पांच ऐसे लोगों के नाम सामने आए हैं जिनकी मौत हो चुकी है। लेकिन पुलिस रिकॉर्ड में वह हिस्ट्रीशीटर बने हुए हैं। हालांकि अभी सत्यापन जारी है। अब इसकी मानीटरिंग कर रहे एसपी सिटी डॉ. कौस्तुभ ने ऐसे पांच लोगों की हिस्ट्रीशीट को नष्ट करने का आदेश दिया है।
शहरी क्षेत्र में पुलिस रिकॉर्ड में 330 हिस्ट्रीशीटर हैं जिनमें से 140 का सत्यापन किया जा चुका है। थाने पर पुलिस ने हिस्ट्रीशीटरों को बुलाकर उनके वर्तमान काम के बारे में जाना तो वहीं बुजुर्ग हो चुके हिस्ट्रीशीटरों के घरों पर पुलिस दस्तक दे रही है। इसके पीछे का मकसद है कि इनकी जांच कर गतिविधियों को जाना जाए कि यह अपराध में कितना सक्रिय हैं। हिस्ट्रीशीटरों को महीने में एक बार थाने में आकर हाजिरी भी देनी होगी। पुलिस नियमित रूप से इन पर नजर रखेगी और यह भी सत्यापित करेगी वास्तव में यह वहीं काम कर रहे हैं या नहीं जो पुलिस को बताया है।
इनकी हो चुकी है मौत
रामगढ़ताल इलाके के बड़गो निवासी वशी अहमद, लहसड़ी निवासी दूधनाथ, महेवा निवासी मिठाई केवट, खोराबार इलाके के डुमरी निवासी गोबरी उर्फ गोरकी, जगदीशपुर निवासी महेश पासी की मौत हो चुकी है।
242 बदमाशों की नियमित निगरानी करेगी पुलिस
शहरी इलाके में 206 और नए 36 बदमाशों की पुलिस नियमित निगरानी करेगी। इसके लिए सभी पुलिस वालों को सक्रिय कर दिया गया है। एसपी सिटी ने बताया कि पुलिस टीम इन बदमाशों की निगरानी करेगी। इसमें पुराने बदमाश वह है जो लूट व अन्य अपराध में वांछित हैं, जबकि नए बदमाशों को भी सूची में शामिल किया गया है, जो हाल के महीनों में जेल गए है और जमानत पर रिहा हुए हैं।